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अजंता-एलोरा की गुफाओं तक पहुंचाएगी भारतीय रेल, आठ परियोजनाएं स्वीकृत

पीएम की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति ने 24,657 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को दी मंजूरी

The live ink desk. भारतीय रेलवे यात्री सुविधाओं और सुरक्षा के मुद्दे पर लगातार प्रयासरत है। लाइन का विद्युतीकरण, हाईस्पीड ट्रेन वंदेभारत जैसी ट्रेनों का संचालन, रेल स्टेशन का उच्चीकरण का कार्य अनवरत जारी है। अब कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाने के निमित्त आठ नई रेल परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है।

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 24,657 करोड़ रुपये की लागत की नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। सात राज्यों में फैली इन परियोजनाओं का उद्देश्य मौजूदा रेल नेटवर्क को 900 किलोमीटर तक बढ़ाना है। इन परियोजनाओं से 14 जिलों, 64 नये स्टेशन और लगभग 40 लाख लोगों को लाभ होगा। इस परियोजना को 2030-31 तक पूरा कर लिया जाएगा।

इन परियोजनाओं में जालना–जलगांव के बीच 174 किमी (औरंगाबाद महाराष्ट्र) रेल नेटवर्क का निर्माण है। इसमें यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल अजंता गुफाओं को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर इसकी जानकारी दी है।

पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ जुड़ी यह परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। कृषि उत्पादों, कोयला और इस्पात जैसी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में आसानी होगी। इन परियोजनाओं से 143 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल यातायात होने की संभावना है।

आठ परियोजनाओं से कई क्षेत्र होंगे लाभांवित

इन परियोजनाओं के दीर्घकालिक लाभ के अलावा भारत को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाना भी है। यह परियोजनाएं रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाएंगी। आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी और परिवहन की लागत को कम करेंगी।

इन रेलवे परियोजनाओं को पर्यावरण के अनुकूल माना जा रहा है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, तेल आयात को कम करने और 0.87 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगी, जो कि 3.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

इन आठ परियोजनाओं में शामिल रेलवे नेटवर्क

  • गुनुपुर-थेरुबली (नई लाइन) 73.62 किमी रायगड़ा, ओडिशा
  • जूनागढ़-नबरंगपुर 116.21 किमी कालाहांडी और नबरंगपुर ओडिशा
  • बादाम पहाड़ कंदुझारगढ़ 82.06 किमी क्योंझर और मयूरभंज ओडिशा
  • बंग्रिपोसी गोरुमहिसानी 85.60 किमी मयूरभंज ओडिशा
  • मलकानगिरी पांडुरंगपुरम (भद्राचलम से होते हुए) 173.61 किमी मलकान गिरि, पूर्वी गोदावरी और भद्राद्री कोठागुडेम ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
  • बुरामारा चाकुलिया 59.96 किमी पूर्वी सिंहभूम, झाड़ग्राम और मयूरबनंज (झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा)
  • विक्रमशिला कटारेह 26.23 किमी भागलपुर बिहा
  • जालना–जलगांव 174 किमी औरंगाबाद महाराष्ट्र। इसमें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, अजंता गुफाओं को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ना शामिल है, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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