The live ink desk. नेपाल में भारी बारिश के कारण रविवार सुबह 5:00 बजे वीरपुर के कोसी बैराज के सभी 56 गेट को खोल दिया गया है। कोसी बैराज से साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया है, इसके कारण बिहार में कोसी नदी के किनारे बसे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
स्थानीय लोग सुरक्षित ठिकानों की तरफ पलायन कर रहे हैं। अभी भी कोसी नदी के अगल-बगल वाले इलाकों में बहुत लोग फंसे हुए हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।
गौरतलब है कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के मुताबिक कोसी बैराज में साल 1968 के बाद सबसे ज्यादा पानी रिकॉर्ड किया गया था। कोसी नदी को बिहार का शोक भी कहा जाता है। अतीत में भी कोसी नदी में कई बार विनाशकारी बाढ़ तांडव मचा चुकी है।
कोसी और गंडक बैराज पर 27 सितंबर की शाम पानी का अलर्ट जारी किया गया था। हालांकि, कोसी और गंडक बैराज का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। कोसी रेंज के डीआईजी मनोज कुमार ने मीडिया से कहा है कि इस बार अच्छी बात यह रही है कि डिपार्टमेंट के सारे प्रिडिक्शन अभी तक तो सही रहे हैं।
जानकारी होने पर हमने कई इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। कुछ लोग अपने घर को नहीं छोड़ पाए हैं। वह फोन कर रहे हैं। इसके लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है।
इसी बीच बिहार के कुछ इलाकों में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा है कि टेलीविजन के जरिए हम लोगों ने देखा कि कोसी के जो बैराज हैं, उसके सारे गेट खोल दिए गए हैं और पानी का स्तर काफी ऊपर है।
अगर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो हम उम्मीद करते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य मंत्री संबंधी अधिकारी सभी तैयार बैठे होंगे। फिलहाल, बीते 56 सालों में कोसी बैराज में मौजूदा समय में सबसे ज्यादा पानी रिकॉर्ड किया गया है। बाढ़ का दर अभी भी लोगों के मन में बना हुआ है।
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