लोकसभा चुनाव 2019ः अकेले दम पर आईं 303 सीटें, NDA ने 353 सीटों पर रचा इतिहास
The live ink desk. भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में 2019 का आम चुनाव एक महत्वपूर्ण घटना थी। सत्रहवीं लोकसभा के गठन के लिए देशभर में 11 अप्रैल से 19 मई, 2019 के बीच सात चरणों में चुनाव करवाए गए। चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटों पर जीत हासिल की और अपना पूर्ण बहुमत बनाए रखा।
इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने 353 सीटें जीतीं। अकेले भाजपा ने 37 फीसद से अधिक वोट हासिल किया। भाजपा और उसके सहयोगी दलों (NDA) का कुल वोट शेयर 60.37 करोड़ वोटों का 45% था। 2019 में देश की दूसरी प्रमुख पार्टी कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं। कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA गठबंधन को कुल 92 सीटें मिलीं। इसके अलावा अन्य दलों और उनके गठबंधन ने 97 लोकसभा सीटों पर विजय पाई।
लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम देश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मजबूती प्रदान की। प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 303 सीटें जीतीं, जो कि कुल 542 सीटों का 55.8% है। BJP के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने कुल 353 सीटें जीतीं।
इससे इतर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) को 91 सीटें मिलीं, जिसमें से कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटों पर जीत हासिल हुई। इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटें मिलीं, जबकि मायावती की पार्टी बसपा को दस सीटों पर सफलता हाथ आई। 2019 में सपा-बसपा ने गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ा था।
इसी तरह अन्य क्षेत्रीय दलों ने भी जीत हासिल की। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटों पर जीत हासिल की। इसी तरह जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर को 22 और शिवसेना ने 18 सीटें जीतीं। बिहार में जदयू ने 16 तो ओडिशा में बीजू जनता दल ने 12 सीट पर परचम लहराया।
2019 के आम चुनाव परिणामों ने भारतीय राजनीति में बदलाव और उभरती हुई विचारधाराओं को दर्शाया है। मतदाताओं ने देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न मुद्दों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मतदान किया।
2019 के आम चुनाव में कुल 90 करोड़ वोटर्स थे। इसमें पुरुष मतदाता 46.8 करोड़, महिला मतदाता 43.2 करोड़ और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 38,325 थी। सात चरणों में करवाए गए चुनाव का परिणाम 23मई को घोषित किया गया था।
Party | Leader | Vote/Percentage | Seat/Percentage | Alliance | ||
भाजपा | नरेंद्र मोदी | 229,076,879 37.7% | 303/542 55.8% | एनडीए | ||
कांग्रेस | राहुल गांधी | 119,495,214 19.66% | 52/542 9.6% | यूपीए | ||
वाईएसआर | जगनोहन रेड्डी | 13,877,992 2.26% | 22/542 2.1% | अन्य | ||
शिवसेना | उद्धव ठाकरे | 12,858,904 2.10% | 18/542 2.3% | अन्य | ||
जदयू | नीतीश कुमार | 8,926,679 1.46% | 16/542 1.9% | एनडीए | ||
बीजेडी | नवीन पटनायक | 10,174,021 1.66% | 12/542 1.2% | अन्य | ||
एनसीपी | शरद पवार | 8,500,331 1.39% | 05/542 0.92% | अन्य | ||
समाजवादी पार्टी | अखिलेश यादव | 15,647,206 2.55% | 05/542 0.92% | अन्य | ||
बसपा | मायावती | 22,246,501 3.63% | 10/542 1.85% | अन्य | ||
सीपीआई (एम) | सीताराम येचुरी | 10,744,908 1.77% | 03/542 0.55% | अन्य |
पहला चरणः 11 अप्रैल। सीटें 91। राज्य 20। आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप। दूसरा चरणः 18 अप्रैल। सीटें 97। राज्य 13। असम, बिहार, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी।
तीसरा चरणः 23 अप्रैल। सीटें 115। राज्य 14। असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दादरा और राष्ट्रीय राजमार्ग, दमन और दीव। चौथा चरणः 29 अप्रैल। सीटें 71। राज्य नौ। बिहार, एमपी, ओडिशा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल।
पांचवां चरणः छह मई। सीटें 51। राज्य सात। बिहार, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल। छठवां चरणः 12 मई। सीटें 59। राज्य सात। बिहार, दिल्ली, बंगाल, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश। सातवां चरणः 19 मई। सीटें 59। राज्य आठ। उत्तर प्रदेश बिहार, पंजाब, हिमाचल, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़।
2019 में हुए लोकसभा चुनाव परिणाम के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- देश के भाग्यविधाताओं ने प्रचंड बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार दूसरी बार देश की सत्ता सौंपी।
- भारत की स्वतंत्रता के बाद यह केवल दूसरी बार है, जब मतदाताओं ने एक ही दल को लगातार दूसरी बार, पहले से अधिक बहुमत से जिताया।
- भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के चुनाव में पिछले चुनाव (2014) के मुकाबले बड़ी और ऐतिहासिक जीत हासिल की।
- इस बार भाजपा के कुल 303 उम्मीदवार जीते। देश के 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।
- उत्तर प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रीय दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को जोरदार धक्का लगा और यूपी की सत्ता कई बार संभाल चुकी इन पार्टियों को जनता ने नकार दिया।
- पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 18 सीटें जीतकर एक इतिहास रच दिया। यह चुनाव पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया।
- भारतीय जनता पार्टी ने 12 प्रमुख और बड़े राज्यों में 50 प्रतिशत से भी अधिक मतदाताओं का भरोसा प्राप्त किया। उनके विश्वास को जीतने में कामयाब रही।
- यदि पूरे देश की बात करें तो भाजपा का मत-प्रतिशत 41% हो गया जो सन 2014 में कुल 31 प्रतिशथ के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा है।
- कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए। उन्हे भाजपा की स्मृति इरानी ने लगभग 50 हजार मतों से परास्त किया।
- कांग्रेस केवल 52 सीटों पर ही विजय मिल पाई। 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिल सका।
- कांग्रेस के नौ पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे कई दिग्गजों को भी भारी पराजय का सामना करना पड़ा।
- कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रचार का भी चुनाव परिणामों पर कोई प्रभाव नहीं दिखा और कांग्रेस को 18 राज्यों में एक भी सीट नहीं मिली।
- बिहार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी। 2019 में 1.04 फीसद मतदाताओं ने नोटा दबाया। जबकि बिहार में नोटा दबाने वाले मतदाताओं काप्रतिशत 2.08 रहै।
- सन 1952 से अब तक पहली बार वाम मोर्चे को दस से भी कम सीटें मिलीं। भारतीय राजनीति से वंशवादी राजनीतिको नकारे जाने के भी संकेत मिले।
- गांधी परिवार, सिंधिया परिवार, मुलायम परिवार, लालू परिवार, चौधरी चरण सिंह परिवार, हुड्डा परिवार, चौटाला परिवार, देवेगौड़ा परिवार को 2019 के आम चुनाव में भारी पराजय का सामना करना पड़ा।
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