अवधराज्य

प्री मैच्योर बेबी को मिला जीवनः क्रिटिकल कंडीशन में जन्मी बच्ची अब स्वस्थ

प्रयागराज (राहुल सिंह). कहते हैं चिकित्सक भगवान का दूसरा स्वरूप होते हैं। समय-समय पर चिकित्सक इसे साबित भी करते रहते हैं। कोरांव क्षेत्र के भैसोड़ निवासी हेमंत कुमार कुशवाहा सप्ताहभर पहले तक बेहद निराश थे, लेकिन अब उनके चेहरे पर खुशी के भाव हैं। वह अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं।

दरअसल, भैसोड़ के रहनेवाले हेमंत कुशवाहा की पत्नी गर्भवती थीं। अगस्त के प्रथम सप्ताह में पत्नी की तबियत खराब हुई। वह भागकर अस्पताल पहुंचे, जहां पता चला कि स्थिति ठीक नहीं है। शहर जाकर इसका इलाज कराना होगा। हेमंत केपास उतने पैसे नहीं थे, लिहाजा उन्होंने कोरांव के सुकृत अस्पताल का रुख किया।

जहां चिकित्सक ने पत्नी की जांच की, जिसमें यह पता चला कि प्रसव कराना पड़ेगा,लेकिन गर्भ अभी सिर्फ सवा सात महीने का ही था। बच्चे के शारीरिक अंग तो बन गए थे, लेकिन बेबी का वजन काफी कम था। स्थिति नाजुक देख सुकृत हास्पिटल की टीम ने आपरेशन से प्रसव कराने का निर्णय लिया और पांच अगस्त को सिजेरियन प्रसव करवाया गया।

जन्म के समय हेमंत की बेटी का वजन महज एक किलोग्राम था। इस वजन में नवजात के सर्वाइव करने के चांस काफी कम होते हैं, फिर भी डाक्टर्स व उनकी टीम ने प्री मैच्योर बेबी की पूरी देखभाल की, मां-नवजात को आईसीयू में रखा गया। अब बेबी सप्ताहभर की हो गई है और स्वस्थ है। धीरे-धीरे उसके शरीर में इंप्रूवमेंट हो रहा है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सोनी कुशवाहा ने बताया कि प्री मैच्योर बेबी, वह भी इतने कम वजन पर बच्चों के सर्वाइव करने के चांसेज काफी कम रहते हैं। फिर भी मेहनत रंग लाई और अब मां-बेटी दोनों स्वस्थ हैं।

ज्ञात हो कि सुकृत अस्पताल के संचालक डा. आरके कुशवाहा सरकारी चिकित्सक रह चुके हैं और सर्जरी में महारत रखते हैं। उन्होंने अब तक कई असाध्य रोगियों का सफल इलाज कर नया जीवन दिया है। हेमंत ने बेटी के जन्म लेने और उसके स्वास्थ्य में दिन-प्रतिदिन इंप्रूवमेंट होनेपर मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की।

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