स्वास्थ्य विभाग के छापे से पहले ही पहुंच जाती है सूचना
प्रयागराज. जनपद के दक्षिणांचल में स्थित कोरांव झोलाछाप डाक्टरों के चंगुल से मुक्त नहीं हो पा रहा है। कोरांव कस्बा समेत ग्रामीणांचल में खुली दवाकी दुकानों में आपरेशन भी किए जा रहे हैं। कुछ में तो एबार्शन का भी गंदा खेल खेला जा रहा है।
कोरांव कस्बे में थाने के पास स्थित एक गली में इस तरह की एक दुकान (झोलाछाप क्लीनिक) चलाई जा रही है, जिसमें एक झोलाछाप महिला डाक्टर के द्वारा गर्भपात करवाया जा रहा है। इसी प्रकार मोतीनगर में नहर के नजदीक स्थित झोलाछाप दुकान में न सिर्फ गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा रहा है, बल्कि नशीली दवाओं की बिक्री भी की जा रही है।
गांधी चौराहा के आसपास भी गर्भपात कराने की दुकानें खुली हुई हैं, यह एरिया सीएचसी कोरांव के समीप ही पड़ता है। कोरांव में बिना रजिस्ट्रेशन के मेडिकल स्टोर, लैब, क्लीनिक, हॉस्पिटल गली-मोहल्ला में अवैध तरीके सें संचालित किए जा रहे हैं।
कई आशाएं भी कमीशन के चककर में प्राइवेट, झोलाछाप डाक्टरों के यहां मरीजों को लेकर जाकर मोटा कमीशन वसूलती हैं। अल्ट्रासाउंड कराने के लिए जहां भेजती हैं, वहां से भी कमीशन लिया जाता है।
प्रसव के ज्यादा मामले निजी या फिर झोलाछाप क्लीनिक में भेज दिए जाते हैं, जहां से ज्यादा कमीशन मिलता है। इसी वजह से क्षेत्र में संस्थागत प्रसव कम हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कभी-कभार झोलाछाप दुकानों की जांच की जाती है, लेकिन इससे पहले ही जांच और छापे की खबर यहां पहुंच जाती है, इस वजह से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती।