सीडीपीओ कार्यालय का भवन भी जर्जर, नहीं हुई रंगाई-पुताई। दफ्तर ही नहीं आते अधिकारी, मनमानी बांटा जा रहापुष्टाहार
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). गांव के गरीब, कुपोषित बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का पुष्टाहार खुलेआम बाजार में बेचा जा रहा है। सीडीपीओ कार्यालय कापूरा भवन जर्जर हो चुका है। साफ-सफाई के अभाव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यदि इन व्यवस्थाओं में सुधार और पुष्टाहार की कालाबाजारी नहीं रोकी गई तो भाकियू (हिंद) आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
भारतीय किसान यूनियन (हिंद) के मंडल उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी ने सीडीपीओ कार्यालय पर पहुंचकर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, इस दफ्तर की अव्यवस्था का आलम यहां के भवन को देखकर हीलगाया जा सकता है। बाहर से यहभवन पूरी तरह सेजर्जर दिख रही है। लंबे अरसे से रंगाई-पुताई का कार्य भी नहीं करवाया गया।
मंडल उपाध्यक्ष ने कहा, विकास खंड शंकरगढ़ के बच्चों के लिए आने वाला पुष्टाहार खुलेआम बाजारों में बेचा जा रहा है। अन्य वस्तुओं भी बच्चों तक नहीं पहुंच पातीं हैं। यदि इन समस्याओं पर बाल विकास पुष्टाहारविभाग द्वारा शीघ्र ध्यान नहीं दिया गाय तो सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि, पूरे दफ्तर में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां कभी झाड़ू नहीं लगाई जाती है। यहां के जिम्मेदार अधिकारी भी महीने में एक-दो दिन आकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। दफ्तर की मरम्मत के लिए आए हुए पैसे का भी कोई हिसाब-किताब नहीं है। बाल विकास परियोजना कार्यालय की पूरी व्यवस्था एक चपरासी के सहारे चलाई जा रही है।
मंडल उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पुष्टाहार वितरण के समय भी पांच से दस फीसदी कमीशन लिया जाता है। ऐसे में जब शुरुआत से ही कमीशनबाजी होने लगती है तो वितरण के लिए जिम्मेदार लोग भी इसे खुले बाजार में बेच देते हैं। यह पुष्टाहार बच्चों के स्थान पर मवेशियों को खिलाने के काम में लाया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन (हिंद) के मंडल उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी शंकरगढ़ के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विभागीय उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की है।