सिर्फ कमरा होने से नहीं बन जाता ‘स्कूल’, चौपट हो रहा 104 बच्चों का भविष्य
पूर्व मा. विद्यालय शमलीपुर में 104 बच्चों पर सिर्फ एक शिक्षक, शौचालय, पेयजल, बाउंड्री वाल समेत अन्य सुविधाओं का भी अकाल
प्रयागराज (राहुल सिंह). सरकारी स्कूलों में लोग अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए क्यों नहीं भेजना चाहते, यदि इसकी असलियत जाननी हो तो विकास खंड मेजा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शमलीपुर का भ्रमण कभी भी किया जा सकता है। कहने के लिए विद्यालय का भवन तो बनवा दिया गया, लेकिन इसके अलावा अन्य सभी सुविधाएं नदारद हैं। शौचालय, पेयजल व्यवस्था के साथ-साथ बाउंड्रीवाल भी नहीं है। इतनी अव्यवस्थाओं के बीच साफ-सफाई वाली बात तो पूछनी ही नहीं चाहिए।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय शमलीपुर वैसे तो विकास खंड मेजा में पड़ता है, लेकिन तहसील क्षेत्र कोरांव लगता है। इस विद्यालय में कक्षा एक से लेकर आठ तक की कक्षाएं चलती हैं। इन कक्षाओं में स्थानीय गांवों के कुल 104 बच्चे पढ़ने आते हैं। यदि रोजाना आने वाले बच्चों की संख्या आधी भी मानी जाए तो भी यहां 50-60 बच्चे रोजाना पढ़ने के लिए आते हैं। इतनी संख्या के लिए शिक्षा विभाग ने सिर्फ एक शिक्षक को लगा रखा है।
विद्यालय में दिव्यांग बच्चों समेत सभी के लिए बनाया गया शौचालय क्रियाशील नहीं है। पेयजल सप्लाई की टोंटी सूखी पड़ी है। शौचालयों में ताला लगा है। आसपास गंदगी फैली है। स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय कभी भी समय से नहीं खुलता। यहां तैनात शिक्षक गंगापार से आते हैं। इस वजह से कभी भी समय से स्कूल का ताला नहीं खुलता। मात्र एक शिक्षक होने के नाते स्कूल टाइम में भी बच्चे दिनभर इधर-उधर स्कूल में धमाचौकड़ी करते रहते हैं। यहां सवाल यह है कि इतने बच्चों की केवल देखभाल के लिए ही एक-दो लोगों की जरूरत पड़ती है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की मेहरबानी की वजह से यहां कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक को जिम्मेदारी दे दी गई है।
पूर्व माध्यमिक में पढ़ने वाली छात्राओं को कभी-कभार शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है। स्कूल में पेयजल के लिए टोंटी की व्यवस्था की गई है, लेकिन किसी में न तो पाइप दिख रही है और न ही टोंटी। जलापूर्ति के लिए लगाई गई टंकी सूखी पड़ी है। इसके अलावा अन्य कमरों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
उक्त के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी मेजा नीरज श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल समय से खुलता है। देर से खुलने की कभी शिकायत नहीं मिली। बताया कि उक्त विद्यालय में कुल 104 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां की अव्यवस्थाओं और शिक्षक की कमी के सवाल पर बीईओ ने बताया कि विकास खंड मेजा में कुल दस ऐसे पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनका संचालन एक शिक्षक (एकल विद्यालय) के सहारे किया जा रहा है।
बीईओ ने स्पष्ट किया कि यदि उक्त एकल विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को कभी छुट्टी या मीटिंग में जाना होता है तो वहां पर समीपवर्ती विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह तैनात शिक्षक के लौटने तक वहां की व्यवस्था संभालें। फिलहाल, अब यह तो आसानी से समझा जा सकता है कि एक शिक्षक के सहारे संचालित किया जा रहा पूर्व माध्यमिक विद्यालय शमलीपुर में किस प्रकार की पढ़ाई होती होगी।