सुरियावां के प्रभारी निरीक्षक ने मातहतों और जनप्रतिनिधियों संग की बैठक में दी जानकारी
भदोही (राजकुमार सरोज). एक जुलाई, 2024 से देश में नये कानून प्रभावी हो गए हैं। ब्रिटिशकालीन कानूनों की अपेक्षा इसे और पारदर्शी बनाया गया है। इसमें डिजिटल साक्ष्यों को जगह दी गई है, साथ ही इसके प्रभावी होने से न्याय में देरी होने की आशंका को भी खत्म कर दिया गया है। यह बातें सुरियावां थाना के प्रभारी बृजेश कुमार सिंह ने कही।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मातहतों केसाथ थाना परिसर में आयोजित बैठक में थाना प्रभारी ने जनसामान्य में प्रचलित धाराओं की जानकारी दी और बताया कि आईपीसी 1860 की धाराओं के स्थान पर बीएनएस की नई धाराओं का इस्तेमाल किया जाएगा। जैसे -302 (हत्या) के स्थान पर 103, 307 (जानलेवा हमला) के स्थान पर 109, 354 (छेड़छाड़) के स्थान पर धारा 74, 376 (बलात्कार) के स्थान पर 64, 392 (लूट) के स्थान पर धारा 309 का प्रयोग किया जाएगा।
धोखाधड़ी की धारा 420 के स्थान पर बीएनएस की धारा 318 प्रयोग में लाई जाएगी। सुरियावां नवागत थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने कहा, नये कानून में डिजिटल साक्ष्य पर जोर दिया गया है। सर्च और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। डिजिटल रिकार्ड, ई-मेल, कंप्यूटर, स्मार्ट फोन, लैपटाप, एसएमएस, वेबसाइट लोकेशन को कानूनी वैधता प्रदान कीगई है।
इसी तरह एफआईआर से लेकर केस डायरी, चार्जशीट दाखिल करने और जजमेंट तक की प्रक्रिया को डिजिटल करने काप्रावधान किया गया है। पहले केवल पेशी ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से होतीथी, लेकिन अब पूरा ट्रायल वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो सकेगा।
प्रभारी निरीक्षक ने भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 के संबंध में आवश्यक जानकारी देते हुए सभी को जागरुक किया। इस दौरान इंस्पेक्टर क्राइम रामनिवास सिंह कुशवाहा, शेखर गुप्ता, चंद्रेश मौर्य, जयशंकर, शिवशंकर, रोहित चौरसिया आदि मौजूद रहे।
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