भदोही (संजय सिंह). जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा क्लेम के एक मामले में परिवादी को दुर्घटनाग्रस्त ट्रक के मरम्मत में आया हुए खर्च 398000 को दो माह के भीतर अदा करने का आदेश दिया है, साथ ही सेवा में कमी के लिए बीमा कंपनी पर 12000 जुर्माना भी ठोंका। उपभोक्ता अदालत में अपने आदेश में कहा है कि यदि बीमा कंपनी के द्वारा निर्णय का अनुपालन दी गई समय सीमा में नहीं किया जाता है तो परिवादी को समस्त धनराशि पर क्लेम खारिज करने की तिथि 16 जनवरी 2024 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 12% वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करना होगा।
मामला इस प्रकार था कि ग्राम पिपरिस, तहसील भदोही निवासी सतीश कुमार यादव पुत्र राजबली यादव की ओर से 15 फरवरी, 2024 में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, अजीमुल चौराहा भदोही को पार्टी बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई थी कि परिवादी का ट्रक संख्या (यूपी66- टी-6088) का 24 मार्च, 2024 तक बीमित था। परिवादी 20 जून, 2023 को स्वयं ट्रक पर माल लोड करने के लिए खाली ट्रक लेकर भदोही से गया (बिहार) जा रहा था।
कुर्द ग्राम, थाना कैमूर के पास हाईवे एक कंटेनर तेज गति से चलता हुआ अचानक रुक गया। कंटेनर के पावर ब्रेक इस्तेमाल करने के कारण परिवादी का ट्रक अप्रत्याशित रूप से कंटेनर के पीछे की तरफ बॉडी में टकरा गया, जिससे सामने का हिस्सा और इंजन क्षतिग्रस्त हो गया। परिवादी की ओर से बीमा कंपनी को क्षतिग्रस्त ट्रक में आए खर्च का भुगतान करने के लिए बिल आदि भेजा गया, लेकिन बीमा कंपनी ने झूठा आश्वासन दिया और क्लेम को खारिज कर दिया।
परिवादी के अधिवक्ता प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की ओर से बताया गया कि विपक्षी के द्वारा जानबूझकर क्लेम को खारिज किया गया, जिस कारण उपभोक्ता अदालत में शिकायत की गई। उपभोक्ता अदालत ने विपक्षी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 35 के तहत नोटिस जारी की। विपक्षी के अधिवक्ता सुधीर कुमार श्रीवास्तव के द्वारा जवाबदेही दाखिल की गई। जवाबदेही में कहा गया कि परिवादी के द्वारा दिए गए दुर्घटना के कारण की पुष्टि नहीं हुई, जिस कारण परिवादी का क्लेम निरस्त कर दिया गया था।
जिला उपभोक्ता अदालत की तीन सदस्य पीठ के न्यायाधीश अध्यक्ष संजय कुमार डे, सदस्य विजय बहादुर सिंह और महिला सदस्य दीप्ति श्रीवास्तव के द्वारा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी और परिवादी को दुर्घटनाग्रस्त ट्रक मरम्मत करने में कुल 398000 रुपये, सेवा में कमी के लिए ₹10000 और मुकदमा खर्च के लिए ₹2000 विपक्षी बीमा कंपनी को भुगतान करने का आदेश दिया है। यह जानकारी स्वतंत्र रावत रीडर उपभोक्ता फोरम ने दी।