दशलक्षण महामहोत्सवः टीएमयू के वीसी को स्वर्ण कलश से शांति धारा का सौभाग्य
मुरादाबाद. तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में पर्वाधिराज दशलक्षण महामहोत्सव के सातवें दिन उत्तम तप धर्म पर अथ देवशास्त्र गुरु पूजा, शांतिनाथ पूजन, सोलहकारण पूजन, दशलक्षण पूजन विधि-विधान के साथ हुए। रिद्धि-सिद्धि में श्रीजी की स्वर्ण कलश से शांतिधारा करने का सौभाग्य टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन के परिवार और रजत कलश से शांति धारा करने का सौभाग्य सर्वज्ञ, अमन, हर्षित, अनमोल, आशी, आदि, संस्कार, अनेकांत जैन को मिला।
श्रीजी का स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य टिमिट के निदेशक प्रो. विपिन जैन, सार्थक जैन, अनमोल, आदिराज जैन को मिला, साथ ही अष्ट प्रातिहार्य का सौभाग्य अष्ट कन्याओं- मान्या, दिव्यांशी, अंजली, राधिका, अंशिका, कृति जैन ने प्राप्त किया। धर्ममय माहौल में तत्वार्थसूत्र जैसे संस्कृत के क्लिष्ट शब्दों वाली रचना के सप्तम अध्याय का अनिमेश जैन ने रोचक और भावपूर्ण तरीके से वाचन किया।
प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ जैन शास्त्री ने उत्तम तप धर्म पर बोलते हुए कहा, शांतिनाथ एक ऐसे तीर्थंकर हैं, जो कामदेव हैं और चक्रवर्ती भी है। शांतिनाथ भगवान के जन्म के साथ जैनधर्म पुनः सशक्त होकर जनकल्याण और पुनरुथान में प्रशस्त हुआ। शरीर को तपाकर ही आत्मा की शुद्धि हो सकती है।
उत्तम तप धर्म पर कुलाधिपति सुरेश जैन, वीना जैन, जीवीसी मनीष जैन, ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अक्षत जैन आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।
आयोजन में सिद्धार्थ जैन एंड पार्टी के सुरमय भजनों- अमृत से गगरी भरी…, कुटिया सूनी कर गए रे…, रंगमा रंगमा रे…, मंत्र णमोकार हमें प्राणों से भी प्यारा…, आए हम प्रभु तेरे दर पर…, तुम तो प्रभु वीतरागी मेरे मन की बेदी पर आप कब पधारोंगे…, आओ प्रभु मेरे मन मंदिर में…, रोम-रोम से निकले प्रभुजी नाम तुम्हारा… आदि से रिद्धि-सिद्धि भवन श्रीजी की भक्ति में झूम उठा।
दूसरी ओर उत्तम संयम धर्म पर मंगलचारण के साथ सांस्कृतिक संध्या का ऑडी में शुभारंभ हुआ। टीएमयू फैकल्टीज़ और स्टाफ की ओर से दशलक्षण: आत्मिक उन्नति का पर्व नाटिका का मंचन किया गया।
इससे पहले मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर ऑडी में सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ हुआ। श्रीजी की आरती को जिनालय से रिद्धि-सिद्धि भवन तक ले जाने का सौभाग्य वीसी प्रो. वीके जैन को मिला। महामहोत्सव में डा. विपिन जैन, विपिन जैन, डा. एसके जैन, मनोज जैन, डा. अक्षय जैन, डा. रवि जैन, डा. अर्चना, डा. रत्नेश, डा. नम्रता जैन मौजूद रहीं।