The live ink desk. भारत वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भारत लगातार प्रयासरत है। केंद्र सरकार के ही प्रयासों से मध्य प्रदेश के कूनो में अफ्रीकी देश से लाकर चीतों को बसाया गया। संरक्षण के प्रयासों से राष्ट्रीय पशु बाघ की संख्या भी देश में बढ़ी है। बीते एक दशक में भारत ने हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने कीदिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
विश्व हाथी दिवस के मौके पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत में हाथियों की आबादी लगातार स्थिर बनी हुई है। पिछले एक दशक यानी 10 सालों में हाथी रिजर्व की संख्या भी 33 हो गई है। भारत, हाथी संरक्षण में सार्वजनिक भागीदारी बढ़ा रहा है, जो हमारे जंबो के साथ साझा किए जाने वाले मजबूत सांस्कृतिक, धार्मिक और पारिस्थितिक संबंधों को दर्शाता है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपना संदेश साझा करते हुए उन्होंने कहा, भारत में एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी और स्थिर आबादी है। 60 प्रतिशत से अधिक जंगली एशियाई हाथी भारत में ही हैं।
2017 में हुई हाथियों की गणना के मुताबिक 29,964 हाथियों की आबादी भारतीय संस्कृति में निहित वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रेम और इच्छाशक्ति के परिणाम को दर्शाती है।
कहा, हाथियों और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए हमारे पास बेहतरीन कानून हैं। हाथियों से प्यार करने वाले लोग हैं। हाथी राजसी सुंदरता का प्रतीक हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।