The live ink desk. भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से रेगुलर फॉलो अप रेटिंग हासिल की है। इस बारे में वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए बताया है कि भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से रेगुलर फॉलो अप रेटिंग के साथ सिर्फ चार G20 देशों के एक विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है।
आसान शब्दों में कहा जाए तो फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की सिफारिश और दिशा निर्देश को दुनिया के 200 देश मानते हैं। भारत भी अब इस मामले में विश्व बिरादरी को सलाह और दिशा निर्देश दे सकता है।
वित्त मंत्रालय ने आगे लिखा है मनी लांड्रिंग और आतंकवाद संबंधी वित्तीय पोषण के खिलाफ हमारी लड़ाई में यह एक मील का पत्थर और गर्व का क्षण है।
गौरतलब है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के सदस्य देशों को चार श्रेणियां में बांटा गया है। इनमें रेगुलर फॉलो अप, एनहांसड फालो आप, ग्रे लिस्ट और ब्लैक लिस्ट शामिल है। रेगुलर फॉलो अप कैटिगरी, इसमें शीर्ष श्रेणी है। माने, रेगुलर फॉलो अप सूची में जिन देशों को रखा जाता है, वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की सिफारिश को आंशिक तौर पर लागू करते हैं।
हालांकि, इन सिफारिश को न लागू करने से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए किसी भी प्रकार का कोई बड़ा खतरा उत्पन्न नहीं होता है। फिलहाल, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के इस समूह में शीर्ष श्रेणी में जो G20 के चार देश के साथ भारत शामिल हैं, उसमें ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और भारत है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक ऐसी संस्था है, जो देश को उसके कामकाज के हिसाब से अपनी कैटेगरी में शामिल करती है। भारत को ‘ए’ कैटेगरी में रखा गया है, जो दुनिया में भारत के बढ़ते कद का परिचायक है।
ग्लोबल फाइनेंशियल एक्शन टॉक्स फोर्स (FATF) ने कहा है कि भारत में आतंकवाद की सबसे बड़ी चुनौती है। जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक स्टेट और अलकायदा से जुड़े समूहों द्वारा लंबे समय से इस क्षेत्र को अस्थिर कर रखा है। एफएटीएफ ने स्वीकार किया है कि भारत 1947 से ही आतंकवाद और कई प्रकार के अन्य खतरों से जूझ रहा है।
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