Partition of India: मानवीय इतिहास का सबसे भयानक, दर्दनाक और पीड़ादायक विस्थापन
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर जनप्रतिनिधियों ने निकाला मौन जुलूस
14 अगस्त ‘‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ पर अभिलेख-पुस्तक प्रदर्शनी लगी
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को ‘‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के मार्गदर्शन में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा केएनपीजी कालेज में ‘‘अभिलेख व पुस्तक प्रदर्शनी’’ और कालेज गेट से दुर्गागंज त्रिमुहानी तक ‘‘मौन जुलूस’’ का आयोजन किया गया। मौन जुलूस में विधायक ज्ञानपुर विपुल दूबे, भाजपा जिलाध्यक्ष विनय कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ भानु प्रताप सिंह, प्राचार्य पीएन डोगरे शामिल हुए।
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जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़कर सुनाया। कहा कि ‘‘देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष एवं बलिदान के याद में 14 अगस्त को ‘‘विभाजन विभीषिता स्मृति दिवस’’ के तौर पर मनाया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने ‘‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत का विभाजन अभूतपूर्व मानव विस्थापन और मजबूरी में पलायन की दर्दनाक कहानी है। यह एक ऐसी कहानी है जिसमें लाखों लोग अजनबियों के बीच एकदम वितरित वातावरण में नया आशियाना तलाश रहे थे। विश्वास व धार्मिक आधार पर एक हिंसक विभाजन की कहानी होने के अतिरिक्त यह एक बात की भी कहानी है, कैसे एक जीवन शैली एक वर्षों पुराने सह-अस्तिव का युग अचानक और नाटकीय रूप से समाप्त हो गया।
लगभग 60 लाख गैर मुस्लमान उस क्षेत्र से निकल आए, जो बाद में पश्चिमी पाकिस्तान बन गया। 65 लाख मुसलमान पंजाब, दिल्ली आदि के भारतीय हिस्सों से पश्चिमी पाकिस्तान चके गये थे। 20 लाख गैर मुसलमान पूर्वी बंगाल, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान बना से निकल कर पश्चिम बंगाल आए, 1950 में 20 लाख और गैर मुस्लमान पश्चिम बंगाल आए। 10 लाख मुसलमान पश्चिम बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान चले गए। इस विभीषिका में मारे गए लोगों का आंकड़ा दस लाख है।
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अभिलेख और पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गईः उपरोक्त मार्मिक दस्तां की कहानी को जिला प्रशासन द्वारा अभिलेख व पुस्तक प्रदर्शनी में जीवंत किया गया। जिला प्रशासन के साथ केएनपीजी कालेज प्राचार्य के नेतृत्व में कालेज गेट से दुर्गागंज त्रिमुहानी तिराहा तक हजारों जनमानस द्वारा मौन जुलूस के रूप में व्यक्त किया गया। अभिलेख व पुस्तक प्रदर्शनी से आम जनमानस को विभाजन की विभीषिका के विविध आयाम और जानकारियों से रूबरू हुए।
प्रदर्शनी में विभाजन से संबंधित विविध बैठकें, कांफ्रेंस जनसभा आम लोगों की जीवन की विपदा आदि प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाएगा। ताकि आमजन मानस भी विभाजन की त्रासदी को समझते हुए देश की प्रगति में योगदान सुनिश्चित कर सकें। विभाजन विभीषिका की दस्ता को विधायक विपुल दुबे, जिलाध्यक्ष विनय कुमार श्रीवास्वत, मुख्य विकास अधिकारी भानुप्रताप सिंह ने जनता को समझाया।