कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह के पत्र पर विभाग ने किया निरीक्षण। व्यवस्था सुधार के साथ-साथ स्टाफ व डाक्टर तैनात करे महकमा
प्रयागराज (राहुल सिंह). स्वास्थ्य सेवाओं की हालत किसी से छिपी नहीं है। अस्पतालों में पसरी गंदगी, जर्जर होते भवन और डाक्टरों की गैरहाजिरी जगजाहिर है। डाक्टर भी सरकारी अस्पताल में कम और निजी प्रैक्टिस में ज्यादा समय देना पसंद करते हैं।
कुछ इसी तरह के दौर से गुजर रहा सीएचसी कोरांव और महिला अस्पताल। महिला अस्पताल का भवन तो देखने लायक भी नहीं बचा है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित इस अस्पताल की दुर्दशा की शिकायत कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने सीएमओ प्रयागराज से की।
सीएमओ के निर्देश पर रविवार को चिकित्सक व इंजीनियर की टीम महिला अस्पताल पहुंची। यह अस्पताल अरसे से वीरान पड़ा हुआ है। देखने से यह भवन पूरी तरह से निष्प्रयोज्य लगता है। जांच टीम ने भवन के प्रत्येक कमरे का जाकर मुआयना किया।
भवन के अंदर की हालत ऐसी है कि अंदर कदम भी न रखा जाए। पूरी तरह से खंडहर हो चुके इस अस्पताल का मुआयना करने के बाद टीम वापस लौट गई। दूसरी तरफ, कांग्रेस सांसद ने महिला अस्पताल के जर्जर भवन को दुरुस्त कराने और स्टाफ की तैनाती करवाने का निर्देश दिया है।
महिला अस्पताल में लगे खिड़की-दरवाजे लोग उखाड़ ले गए हैं। महिला चिकित्सालय में किसी चिकित्सक की तैनाती नहीं है। स्टाफ के नाम पर एक कंपाउंडर और एक स्वीपर तैनात है। यहां आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।
सीएचसी कोरांव की भी हालत दयनीय
कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने सीएचसी कोरांव की दुर्दशा भी सुधारने की बात अपने पत्र में लिखी है। सांसद ने लिखा है कि सीएचसी का भवन भी जगह-जगह से टपकता है। बरसात में गेट पर इतना पानी भर जाता है कि बिना पानी में पैर रखे अंदर जाना मुश्किल होजाता है। 30 लाख की आबादी पर बने इस अस्पताल में सिर्फ 30 बेड ही हैं। जो इतनी बड़ी आबादी के लिए नाकाफी है।