प्रयागराज (आलोक गुप्ता). खेत-खलिहानों ने हरे रंग की चादर ओढ़ ली है। बीच-बीच में हुई बरसात ने धान के खेतों का रंग धानी (गाढ़ा हरा) कर दिया है। अगैती किस्में लंबाई खींच रही हैं। किसान भी बीच-बीच में खेतों में यूरिया आदि से टॉपअप कर रहा है।
बुधवार को बारा क्षेत्र के टिकरी कला में किसानों को जिंक के प्रयोग की जानकारी दी गई। जलोदारी महिला एग्रो किसान संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा धान की फसल में जिंक का कितना और कब प्रयोग करना है, किसानों को खेत में जाकर समझाया गया है।
विशेषज्ञों ने समझाया कि शाखा युक्त पौधों की मजबूती के लिए जिंक कितना फायदेमंद है। समय-समय पर की जाने वाली इस तरह की देखभाल से न सिर्फ उत्पादन में इजाफा होगा, बल्कि कई प्रकार के रोगों से भी बचाव हो सकेगा।
हर्बेस्ट प्लस की टीम से जिनी, मनीष कुमार, रमेश मिश्र, बलदेव और विनोद कुमार ने खेतों में जाकर प्रयोग की गई जिंक की फसल का अवलोकन कर किसानों को आवश्यक सुझाव दिया। इस मौके पर शिवमोहन त्रिपाठी, रामलक्षण शुक्ल, मौजीलाल, शंकर दयाल, अनुराग शुक्ल देवी दयाल सहित दर्जनों किसान उपस्थित रहे।