प्रयागराज (आलोक गुप्ता). ‘मां’ शब्द सुनते ही मन में दया, करुणा, प्रेम और वात्सल्य का भाव अपने आप जागृत हो जाता है। मां को जिस रूप में देखें, प्रेम ही बरसता है। पर, मां की ममता को शंकरगढ़ की गुड़िया ने न सिर्फ कलंकित किया, बल्कि तीन साल के मासूम को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
यह मामला है शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या दस, हज्जी टोला का। हज्जी टोला के रहने वाले अजय कुमार नट पुत्र स्व. मेवालाल का विवाह सविता से हुआ था। अजय कुमार को पत्नी सविता से दो बेटे कृष्णा (8) और कान्हा (3) हुए। पेशे से मजदूर अजय कुमार की गृहस्थी की गाड़ी चल रही थी। अब से दो साल पहले सविता अपने पति व दोनों बेटों को छोड़कर अन्यत्र चली गई।
अजय कुमार मेहनत मजदूरी करता है। उसके काम पर चले जाने से दोनों बच्चे घर में अकेले रहते थे। दोनों की देखभाल के लिए उसने सतना की गुड़िया नामक युवती से दूसरी शादी की। दूसरी शादी के कुछ दिन बाद तक गुड़िया का व्यवहार दोनों बच्चों के प्रति ठीक दिखा, लेकिन समय बीतने के साथ उसका असली चेहरा सामने आने लगा।
अजय कुमार की तमाम कोशिशों के बाद भी वह कृष्णा और कान्हा को अपना न सकी। अजय का आरोप है कि उसके काम पर चले जाने के बाद वह बच्चों को भरपेट भोजन भी नहीं देती थी और बच्चे दिनोंदिन कमजोर होते जा रहे थे। कान्हा बीमार रहने लगा। वह खड़े-खड़े बेहोश हो जाता था।
इधर, रविवार को अजय कुमार काम पर चला गया तो घर मौजूद सौतेली मां गुड़िया ने कान्हा (3) की पिटाई कर दी। इससे वह अचेत हो गया। काफी देर तक जब कान्हा के शरीर में चेतना नहीं आई तो पास के ही किसी डाक्टर को बुलाकर कान्हा को दिखाया गया, तब कान्हा के गुजर जाने की पुष्टि हुई। पिटाई से कान्हा की मौत की सूचना पिता को मिली तो वह सीधे थाने पहुंच गया और पत्नी के खिलाफ तहरीर दे दी।
थानाध्यक्ष शंकरगढ़ ओमप्रकाश ने बताया कि तहरीर मिलते ही सौतेली मां गुड़िया को गिरफ्तार कर लिया गया है। कान्हा के शव का सोमवार दोपहर तक पोस्टमार्टम होजाएगा। एसओ ने बताया कि प्राथमिक छानबीन में पता चला कि कान्हा बीमार रहता था। सौतेली मां खाना-पीना भी नहीं देती थी। कुछ समय पहले कान्हा का हाथ भी टूट गया था, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ कि हाथ कैसे टूटा था।
फिलहाल, मां के नाम पर सौतेली गुड़िया ने जिस तरह का कलंक लगाया है, उसके इस कृत्य की पूरे कस्बे में थू-थू हो रही है।
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